दिल तोड के हस्दी तू मेरा सोंग
तुम दे रही हो दिल मै किसी ओर को जगाह लेकिन कोइ न चाहेगा तुम को मेरी तरह क्या है कसूर हे मेरा जो दिल से उतर गया मूड के भी न देखा मुझे तुम ने एक दफा। जेसे गई हो ओ हो हो ओ ओ ओ ओ ओ जेसे गई हो जाता है क्या कोई ऐसे छोड़ के हो दिल तोड के हो दिल तोड के हस ती तू मेरा वफ़ाए मेरे याद करोगी। कहे दो मुझे आज निगाहे कदर मेरे बाद करोगी। हो दिल तोड के हो दिल तोड के ए ऐ वो तुम ही तो थी जो बार बार आके लगती थी गलेमेरे(2)...